Guru Bhramanand Jayanti: आज 24 दिसम्बर 2024 को पूरे हरियाणा प्रदेश में सरकार की तरफ से छुट्टी का ऐलान किया गया है, सरकार द्वारा जारी आदेश में पूरे राज्य के सभी सरकार दफ्तरों, संस्थाओं में छुट्टी घोषित की गई थी। क्योंकि आज गुरु ब्रह्मानंद जयंती है और पूरे प्रदेश में उनकी जयंती को धूमधाम से मनाया जा रहा है।
खास बात ये है कि बहुत से लोगों को शायद से जानकारी न हो या पता ही नहीं होगा की आखिर गुरु ब्रह्मानंद सरस्वती कौन थे जिनकी जयंती के उपलक्ष्य में आज के दिन प्रदेश में छुट्टी का ऐलान हुआ है। चलिए आपको बताते है की कौन थे गुरु ब्रह्मानंद और उनके जीवन से जुडी कुछ बातें।
गुरु ब्रह्मानंद कौन थे?
हरियाणा में एक जिला है कैथल और इस जिले में पूंडरी हलके में एक चुहड़माजरा नाम का गांव है। इसी गांव के एक किसान परिवार जो रोड़ जाति से संबंध रखता है उसी के यहां श्री बदामा राम व पत्नी का नाम था राम देवी (रामी देवी) था इनके ही घर में 24 दिसंबर 1908 एक लड़के ने जन्म लिया जिसका नाम माता पिता ने छोटाराम रखा। जो आगे चलकर यही छोटा राम गुरु ब्रहानंद सरस्वती जी कहलाए. जिनकी आज 116 वीं जयंती थी।
छोटाराम काफी छोटी उम्र के थे तभी इनके माता पिता का देहांत हो गया था और जब वे 12 साल के थे तभी गुरुकुल शिक्षा के लिए चले गए थे। छोटाराम ने हिंदी और संस्कृत विषय को काफी गहराई से अध्धयन किया और इतनी गहराई से अध्धयन किया की एक बात जिस भी पुस्तक को एक बार पढ़ लिया तो फिर जिंदगी भर के लिए उसको याद रखते थे। उनके गुरु और स्वामी भीष्म जी महाराज की तरफ से उनको सत्यदेव का नाम दिया गया।
सत्यदेव ने अपना पूरा जीवन गरीबों की सेवा करना में ही बिताया और ओमपुरा नाम का एक गुरुकुल भी स्थापित किया था। उन्होंने हरिद्वार के कुछ दूरी पर स्थित सप्त सरोवर के जंगलों में तपस्या भी की थी और उसी समय अपने शरीर को छोड़ने का विचार भी किया लेकिन बताया जाता है की उसी समय उनके सामने तीन देवियों के प्रकट होकर अपना आशीर्वाद और एक पंचरंगा झंडा दिया। बताया जाता है की उसके बाद से उनको सभी लोग ब्रहानंद के नाम से जानने लगे।
मानव कल्याण का समर्पण
गुरु ब्रह्मनंद ने अपने पूरे जीवन को निर्दोष लोगों और गरीबों की सेवा में लगा दिया था और उन्होंने लोगों को वैदिक शिक्षा को लेकर जागरूक किया। एक जमाना हुआ करता था जब औरतों का भी घर से बाहर निकलना बंद होता था उस समय गुरु जी ने शिक्षा को लेकर भी अलख जगाया था। 16 मई 1973 को फतेहपुर के बणी आश्रम में गुरु जी ने अपने शरीर को त्याग दिया और सदा सदा के लिए ब्रह्म में लीन हो गए। उन्ही पर आधारित उनका जीवन व उनके जीवन के सार को पचासा नाम के पुस्तक में अवतरित किया था जो आज एक महान पुस्तक है
आज हरियाणा सरकार ने घोषित की छुट्टी
आज पूरे हरियाणा प्रदेश में छुट्टी का ऐलान सरकार की और से किया गया है। सरकार की तरफ से इसको लेकर कल ही सर्कुलर जारी कर दिया गया था और प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालय, सरकार के अधीन आने वाली सभी संस्था, निगम आदि की छुट्टी घोषित की गई है। आपको बता दें की हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी विवेक जोशी की तरफ से छुट्टी को लेकर कल आधिकारिक आर्डर जारी किया गया था।