BJP: भाजपा की लिस्ट जारी होते ही सबसे पहले बड़ी बगावत पूंडरी हलके में हुई. यहां भाजपा ने सतपाल कन्याण (जांबा) को टिकट दिया है. सतपाल जांबा गांव के सरपंच भी है. भाजपा ने उनपर विश्वास जताया है.
जिसके बाद से हलके की राजनीति के समीकरण बदल गए. यहां दिनेश कौशिक ने टिकट के लिए दावेदारी पेश की थी लेकिन उन्हें टिकट न मिलने एवज में पार्टी छोड़ दी. अब वे आजाद पर्चा भरेंगे.
कौन है दिनेश कौशिक
सबसे पहले बताते है कि दिनेश कौशिक का इतिहास दल बदलने वाला रहा है. दिनेश कौशिक ने सबसे पहला चुनाव 2000 में लड़ा था तब वे आजाद थे औऱ तीसरे नंबर पर रहे थे
उसके बाद उन्होंने 2005 में दोबारा चुनाव जीता और विधायक बने वो भी आजाद उम्मीदवार के तौर पर. इस बीच उन्होंने कांग्रेस की शरण लेली और टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन वे ये चुनाव हार गए और दूसरे नंबर पर रहे.
साल 2014 में वे एक बार फिर आजाद आए और जीत गए. 2019 में वे भाजपा में चले गए और लेकिन टिकट नहीं मिलने पर आजाद लड़े और चौथे नंबर पर रहे.
इस बीच वे फिर भाजपा में गए. लेकिन इस बार भी टिकट न मिलने पर उन्होंने आजाद ताल ठोक दी. दिनेश कौशिक 5 चुनाव लड़े जिसमें वे 2 बार विधायक रहे.