Haryana Sarkar: हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने कैथल में उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) को उपभोक्ता विनोद कुमार को उसके बिजली कनेक्शन में लोड के विस्तार (ईओएल) को अपडेट न करने के कारण हुई अनावश्यक देरी के लिए 5,000 रुपये का मुआवजा देने के निर्देश दिये हैं।
आयोग के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि शिकायतकर्ता विनोद कुमार ने 18 किलोवाट से 40 किलोवाट तक लोड बढ़ाने के लिए आवेदन किया था, जिसे बाद में मंजूरी दे दी गई। जून 2023 तक नियमित रीडिंग जनरेट की गई। हालांकि, जुलाई से अगस्त 2023 तक उपभोक्ता को वास्तविक रीडिंग के बजाय औसत बिल मिलने लगे। शिकायतकर्ता द्वारा 21 अगस्त,2023 को 5,923 रुपये का भुगतान करने के बावजूद, जनवरी 2024 तक कोई और भुगतान नहीं किया गया। एसडीओ कार्यालय द्वारा ईओएल अपडेट करने में देरी के कारण सितंबर से दिसंबर 2023 के महीनों की औसत बिलिंग जारी रही। अंतत: 22 दिसंबर, 2023 को ईओएल को सीसीबी पोर्टल पर अपडेट किया गया।15 जनवरी, 2024 को एसवीआर पूरा हुआ और 20 के सटीक गुणन कारक (एमएफ) के साथ सही बिल 23 जनवरी, 2024 को तैयार किया गया।
शिकायतकर्ता द्वारा औसत बिलों के लिए 65,441 रुपये का भुगतान किया। हालांकि, खाते में बदलाव करने के परिणामस्वरूप 30 अप्रैल, 2024 को 10,453 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगाया गया। मई और जून 2024 में मीटर रीडर द्वारा गलत रीडिंग दर्ज किए जाने के कारण और भी विसंगतियां उत्पन्न होने से बिलों में बढ़ी हुई खपत दिखाई दी।
इन दो महीनों के लिए 22 नवंबर, 2024 को 1,850 रुपये का अधिभार सीसीबी पोर्टल पर दर्ज किया गया।लोड एक्सटेंशन अपडेट न होने और गलत मीटर रीडिंग के संबंध में उपभोक्ता की शिकायत पर आयोग ने मामले की गहन समीक्षा की। संबंधित अधिकारियों की बात सुनने उपरांत, आयोग द्वारा यूएचबीवीएन को विनोद कुमार को 5,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया गया। यूएचबीवीएन जांच के बाद दोषी अधिकारियों से या बिलिंग एजेंसी से यह राशि वसूल करे। यूएचबीवीएन के एक्सईएन को 10 जनवरी, 2025 तक आयोग को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं।