High Court: हरियाणा सरकार में नई सरकार में विधायकों को और जातिगत समीकरण को साधने के लिए करीब 14 मंत्री बनाए गए थे. जिसको लेकर आज पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कोटे से अधिक मंत्री बनाए जाने पर सुनवाई हुई. जिसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते गुए हरियाणा और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
हरियाणा की नई सरकार ने 17 अक्टूबर को 13 मंत्रियों बनाए जबकि एक सीएम पद की शपथ ली थी। जिसके बाद कोटे से ज्यादा मंत्री बनाए जाने पर 18 अक्टूबर को एडवोकेट जगमोहन भट्टी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की.
इतने मंत्री ही हो सकते है शामिल
दायर याचिका में भट्टी ने आरोप लगाया है कि मंत्रिमंडल में अधिकतम मंत्री 13.5 हो सकते हैं, लेकिन हरियाणा में इस समय 14 मंत्री हैं, जो संविधान संशोधन का उल्लंघन है।
याचिका में यह भी बताया गया कि संविधान के 91वें संशोधन के तहत राज्य में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या का 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती।
याचिका में भट्टी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, अनिल विज, कृष्णलाल पंवार, राव नरबीर, महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, डॉ. अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण कुमार बेदी, श्रुति चौधरी, आरती राव, राजेश नागर और गौरव गौतम के अलावा केंद्र सरकार व हरियाणा विधानसभा को प्रतिवादी बनाया है।