Hisar: हरियाणा से एक ऐसा मामला सामने आया जहां अव्यवस्था का नमूना देखने को मिल रहा है. असल में हिसार के नागरिक अस्पताल में नेत्र विभाग में 3 सर्जंस की पोस्ट हैं जो खाली है. क्योंकि यहां से तीनों सर्जन इस्तीफा देकर निजी अस्पतालों में चले गए. तब से लेकर अब तक यहां सर्जन नहीं है.
लेकिन जो खबर हिसार से निकलकर सामने आ रही है वह चौंकाने वाली है. यहां पर डॉक्टर ने 44 लोगों की आंखों के ऑपरेशन कर दिए. कमाल की बात देखिए जब स्वास्थ्य विभाग को पता चला कि यहां डॉक्टर की ज्वाइनिंग ही नहीं है तो किसने ये ऑप्रेसन किए, तब सामने आया कि यहां पर विभाग ने आनन-फानन में पीजी कोर्स कर रहे मेडिकल ऑफिसर को आई-सर्जन बना दिया था. यानी छात्र ही सर्जन बन गए थे. विभाग ने इसकी जांच की तो पाया कि जिस सर्जन ने ये ऑपरेशन किए है उनके पास तो डिग्री ही नहीं है और अब तक एग्जाम क्लीयर ना होने की वजह से उनका कोर्स भी पूरा नहीं हुआ है.
दरअसल, हरियाणा के हिसार में जिला नागरिक अस्पताल के आई डिपार्टमैंट में बड़ी संख्या में आंखों के ऑपरेशन होते हैं. अहम बात है कि हर साल विभाग 1 हजार से अधिक ऑपरेशन करता है, लेकिन इस बार 11 महीने 71 ही ऑपरेशन हो पाए. बीते चार महीने में किसी भी शख्स की आंखों का ऑपरेशन नहीं हुआ तो इसके बाद मामले का खुलासा हुआ.
जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल ऑफिसर डॉ. विजय को आई सर्जन नियुक्त किया. लेकिन उनकी डिग्री पूरी नहीं है और इस वजह से नेशनल प्रोग्राम फॉर द कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस (एनपीसीबी) के डिप्टी डायरेक्टर ने उन्हें सर्जरी से रोक दिया. जब ये आदेश दिए गए, तब तक वह 44 ऑपरेशन कर चुके थे.
इतना ही नहीं डॉ. ज्योति ने 4 माह में 27 और डॉ. विजय ने 44 ऑपरेशन किए.बाद में डॉ. ज्योति का एसएमओ पद पर प्रमोशन के साथ तबादला हो गया तो वहीं, डॉ. विजय की डिग्री पूरी नहीं हुई तो एनपीसीबी ने सर्जरी करने से रोक दिया. वह अब लंबी छुट्टी पर चले गए हैं. फिलहाल इसकी जांच चल रही है.