Olympic: जैसी सबको उम्मीद थी ठीक वैसा हुआ. नीरज ने देश के नाम पदक कर दिया है. नीरज ने सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया. पहले राउंड में फ़ाउल के बाद नीरज ने दूसरे राउंड में 89.45 मीटर पर निशाना साधा. नीरज ने उसके बाद फिर फाउल किया.
पाकिस्तान के नदीम में 92.97 मीटर का दूसरे राउंड में भाला फ़ैंक दिया जिसके बाद उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. साथ ही नदीम में गोल्ड अपने नाम किया है.
बता दें कि आज से ठीक 3 साल पहले टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया था. उस ओलंपिक में नीरज ने सीधा गोल्ड पर निशाना लगाया था. नीरज उस ओलंपिक में इंडिविजुअल गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के सिर्फ दूसरे एथलीट बने थे. एथलेटिक्स में तो भारत के इतिहास में ये पहला ही मेडल था और वो भी सीधा गोल्ड मेडल. इसके बाद तो नीरज ने अपने देश के लिए ग्लोबल टूर्नामेंट भी जीता, जिसमें वर्ल्ड चैंपियनशिप और डाइमंड लीग शामिल रही.
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा राज्य के पानीपत नामक शहर के एक छोटे से गाँव खंडरा में एक किसान रोड़ समुदाय में हुआ था। नीरज के परिवार में इनके पिता सतीश कुमार पेशे से एक छोटे किसान हैं और इनकी माता सरोज देवी एक गृहणी है। जैवलिन थ्रो में नीरज की रुचि तब ही आ चुकी थी जब ये केवल 11 वर्ष के थे और पानीपत स्टेडियम में जय चौधरी को प्रैक्टिस करते देखा करते थे।
नीरज चोपड़ा एक भारतीय एथलिट हैं जो ट्रैक एंड फील्ड के जेवलिन थ्रो नामक गेम से जुड़े हुए हैं तथा राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं।
नीरज एक एथलीट होने के साथ-साथ भारतीय सैना में सूबेदार पद पर भी तैनात हैं और सेना में रहते हुए अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बदौलत इन्हे सेना में विशिस्ट सेवा मैडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।