Ellenabad: ऐलनाबाद, जिसे पहले खारील के नाम से जाना जाता था, भारत के हरियाणा राज्य के सिरसा जिले में एक नगरपालिका समिति वाला ऐतिहासिक शहर है। यह घग्गर-हकरा नदी के उत्तर में स्थित है जो राजस्थान की ओर से हरियाणा में प्रवेश के लिए बंदरगाह के रूप में कार्य करता है
राजनैतिक पृष्ठभूमि के हिसाब से ऐलनाबाद बड़ा दिलचस्प विधानसभा क्षेत्र है. हरियाणा बनने के बाद ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हुए है. ऐलना बाद में 1970 व 2010 व 2021 में उप चुनाव हो चुका है।
1970 उप चुनाव के पीछे भी एक जबरदस्त कहानी है, कहानी एक नेता की कहानी एक चुनाव की. हुआ कुछ यों कि 14 मई 1968 को हुए चुनाव में विशाल हरियाणा पार्टी के उम्मीदवार लालचंद खोड़ ने कांग्रेस के उम्मीदवार ओमप्रकाश चौटाला को हराया था तो चौटाला ने खोड़ की जीत को लेकर पहले हाईकोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट चले गए.
सुप्रीम कोर्ट ने चौटाला की ओर से लगाए गए आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और साक्ष्यों के आधार पर चुनाव रद्द कर दिया। इस कारण 1970 में दोबारा चुनाव करवाना पड़ा। दूसरी बार हुए चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला कांग्रेस की बजाय एनसीजे के उम्मीदवार थे और लालचंद खोड चुनाव नहीं लड़ सके। इस चुनाव में चौटाला करीब 18 हजार 746 वोटों से विजेता रहे।
2009 के चुनाव में ओपी चौटाला उचाना व ऐलनाबाद से चुनाव लड़े थे। दोनों जगह चुनाव जीतने के बाद उन्होंने ऐलनाबाद से इस्तीफा दे दिया था। यहां 2010 में उप चुनाव हुआ जिसमें अभय सिंह चौटाला ने चुनाव जीता और कांग्रेस के भरत सिंह बैनीवाल पराजित हुए।
वहीं 2021 में अभय चौटाला ने ऐलनाबाद का उपचुनाव जीता, यहां उन्होंने गोबिंद कांडा को 6708 वोटों से हराया
आईए अब जानते है कौन यहां से कब कब विधायक रहा….
1967- प्रताप सिंह चौटाला, कांग्रेस
1968-लालचंद, विशाल हरियाणा पार्टी
1972- बृजलाल, कांग्रेस के उम्मीदवार ने आजाद उम्मीदवार बीरबल को 12106 वोटो से हराया था.
1977- भागीराम, जनता पार्टी ने आजाद उम्मीदवार मनीराम को 7404 वोटो से हराकर सीट जीती थी.
1982 – भागीराम, लोकदल ने कांग्रेस के मनी राम को यहां से एक बार फिर हराया.
1987- भागीराम, लोकदल ने यहां से एक बार फिल मनी राम को हराया, भागीराम ने लोकदल की टिकट से लगातार 3 बार मनी राम को हराया
1991- मनीराम, कांग्रेस की टिकट से मनी राम को विधायक बनने का मौका मिला था. उन्होंने यहां से कांग्रेस के भागीराम को 13000 वोटों के अंतर से हराया था.
1996- भागीराम, समता पार्टी से चुनाव लड़े और इन्होंने यहां से हरियाणा विकास पार्टी के करनैल सिंह को हराया था
2000- भागीराम, इनेलो में दोबारा लौट आए, इन्होने यहां से 2000 में कांग्रेस के औम प्रकास को बड़े मार्जन से हरा कर 5 वीं वार विधायक बने
2005- सुशील इंदौरा, इनेलो से चुनाव जीते, इन्होंने कांग्रेस के मनीराम को यहां से हराया था
2009- ओपी चौटाला, इनेलो से खुद मैदान में आए और उन्होंने कांग्रेस के Bharat Singh Beniwal को 16400 से ज्यादा वोटों से हराया था
2010- अभय सिंह चौटाला, इनेलो की टिकट से यहां से उपचुनाव जीते थे
2014- अभय सिंह चौटाला, इनेलो ने भाजपा लहर में यहां से भाजपा के Pawan Beniwal को यहां से बड़े अंतर से हराया था. अभय ने 11500 वोटों से भाजपा के उम्मीदवार को हराया था
2019- अभय सिंह चौटाला, इनेलो से एक बार फिर से Pawan Beniwal को यहां से हराया.
हालांकि अभय ने किसान आंदोलन के चलते यहां से इस्तीफा दे दिया था. फिर 2021 में हुए उपचुनाव में यहां से अभय ने दोबारा जीत हासिल की थी.
बता दें कि इस सीट से सबसे ज्यादा लोकदल के विधायक बनते आए है. अभय चौटाला यहां से 4 बार तो भागीराम 5 बार विधायक बने…